"मेरी माँ की यादें
हौले हौले मरहम सी
दुनिया के ग़म भुला दें
सौंधी सौंधी मीठी मीठी
मेरी माँ की यादें
मेरी प्यास की खातिर
आब ए जन्नत ला दें
मुझे भूख लगे तो वो
सौ पकवान बना दें
मैं उदास हो जाऊं तो
गंगा जमुना बहा दें
मेरी ख़ुशी के लिए वो
दर्द में भी मुस्कुरा दें
बिखेरें कोने कोने खुशियां
ग़मों को दूर भगा दें
मन में आशाओं के
कितने ही दीप जला दें
अन्याय से बिना डरे
डट कर लड़ना सिखा दें
ज़िन्दगी मेरी माँ तुझे भी
हंस कर जीना सिखा दें
-Anubhuti Hajela"