कवि प्रदीप स्वामी की कलम से
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चार दिन की जिंदगी,
टेंशन मत लो यार।
दर्द जहां के कम करो,
सबमे बाँटो प्यार।।
सबमे बाँटो प्यार,
मिलेगा खुशियों का भंडार।
मजेदार है जिंदगी,
जी भरके जी लो यार।।
जी भर के जी लो यार,
बहाओ स्नेह की रसधार।
साथ कहाँ कब कुछ जाता है,
जब छोड़ जाते है संसार,
जब छोड़ जाते है संसार।
बस रह जाता व्यवहार।
बंगला,गाड़ी,धन,दौलत,
हो जाते सब बेकार।।
हो जाते सब बेकार,
फिर काहे की मारामार,
हँसते,गाते,मुस्कराते,
जीवन जी लो यार।।
जीवन जी लो यार,
प्रभु से कर लो प्यार।
मस्ती और भक्ति में जी लो,
हो जाओगे भव से पर।।
©Kavi Pradeep Swami
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