ना सनातन है,ना सच्चा है, ना हिन्दू है,ना अच्छा है, | हिंदी कविता

"ना सनातन है,ना सच्चा है, ना हिन्दू है,ना अच्छा है, ना शक्ति है,ना भक्ति है, ये अहिन्दू ही अच्छा है। मिले डांट -डपट जनकौं से उन्हें भी बदलने को सहमत हैं। ना बल है,ना साहस है, ये वन से नगर गमन ही अच्छा है। जो सुसज्जित है, श्रृंगार खंडित है, वन ही सनातन है, अखंडित है। सिंहौं की बस्ती है, शावकों की टोली है, सनातन में व्यालौं की ना बस्ती है,ना हस्ति है। . नंदन ©नंदन."

 ना सनातन है,ना सच्चा है,
ना हिन्दू है,ना अच्छा है,
ना शक्ति है,ना भक्ति है,
ये अहिन्दू ही अच्छा है।
मिले डांट -डपट जनकौं से
उन्हें भी बदलने को सहमत हैं।
ना बल है,ना साहस है,
ये वन से नगर गमन ही अच्छा है।
जो सुसज्जित है, श्रृंगार खंडित है,
वन ही सनातन है, अखंडित है।
सिंहौं की बस्ती है, शावकों की टोली है,
सनातन में व्यालौं की ना बस्ती है,ना हस्ति है।
. नंदन

©नंदन.

ना सनातन है,ना सच्चा है, ना हिन्दू है,ना अच्छा है, ना शक्ति है,ना भक्ति है, ये अहिन्दू ही अच्छा है। मिले डांट -डपट जनकौं से उन्हें भी बदलने को सहमत हैं। ना बल है,ना साहस है, ये वन से नगर गमन ही अच्छा है। जो सुसज्जित है, श्रृंगार खंडित है, वन ही सनातन है, अखंडित है। सिंहौं की बस्ती है, शावकों की टोली है, सनातन में व्यालौं की ना बस्ती है,ना हस्ति है। . नंदन ©नंदन.

People who shared love close

More like this

Trending Topic