ये जो हैं ये वो होके भी वो नहीं हैं वो जो था वो कर | हिंदी Shayari

"ये जो हैं ये वो होके भी वो नहीं हैं वो जो था वो करता था मोहब्बत मुझसे मेरे जिस्म से नही ये जो हैं वो करता है मोहब्बत जिस्म से मेरे मुझसे नहीं वो जो था बताता था सारी बातें मुझसे कुछ छुपाता ही नही ये जो है वो छुपाता है सारी बातें मुझसे कुछ बताता ही नहीं ये जो है ये वो होके भी वो नहीं हैं। वो जो था वो करता था मोहब्बत सिर्फ मुझसे किसी और से नही ये जो हैं वो करता है मोहब्बत सबसे मुझसे नहीं वो जो था वो अपना सा लगता था गैर कभी लगा ही नहीं ये जो है वो गैर सा लगता है अपना कभी लगा ही नहीं ये जो है ये वो होके भी वो नहीं हैं वो जो था वो देता था वक्त हमेशा वक्त कभी गुजारा ही नही ये जो है वो गुजारता है वक्त हमेशा वक्त कभी दिया ही नहीं वो जो था उससे बांट लेती थी हर दर्द अपना कुछ छुपाती ही नही ये जो है वो उड़ाएगा मजाक मेरा ये सोचकर कुछ बताती ही नहीं वो जो था उसे खो दिया मैंने कब का वो लौटकर आया ही नही ये जो है उसे पाकर भी मैने कभी पाया ही नहीं (SMITA) ©Chhoti Shayar"

 ये जो हैं ये वो होके भी वो नहीं हैं
वो जो था वो करता था मोहब्बत मुझसे मेरे जिस्म से नही
ये जो हैं वो करता है मोहब्बत जिस्म से मेरे मुझसे नहीं
वो जो था बताता था सारी बातें मुझसे कुछ छुपाता ही नही
ये जो है वो छुपाता है सारी बातें मुझसे कुछ बताता ही नहीं
ये जो है ये वो होके भी वो नहीं हैं।
वो जो था वो करता था मोहब्बत सिर्फ मुझसे किसी और से नही
ये जो हैं वो करता है मोहब्बत सबसे मुझसे नहीं
वो जो था वो अपना सा लगता था गैर कभी लगा ही नहीं
ये जो है वो गैर सा लगता है अपना कभी लगा ही नहीं
ये जो है ये वो होके भी वो नहीं हैं
वो जो था वो देता था वक्त हमेशा वक्त कभी गुजारा ही नही
ये जो है वो गुजारता है वक्त हमेशा वक्त कभी दिया ही नहीं
वो जो था उससे बांट लेती थी हर दर्द अपना कुछ छुपाती ही नही 
ये जो है वो उड़ाएगा मजाक मेरा ये सोचकर कुछ बताती ही नहीं 
वो जो था उसे खो दिया मैंने कब का वो लौटकर आया ही नही 
ये जो है उसे पाकर भी मैने कभी पाया ही नहीं
(SMITA)

©Chhoti Shayar

ये जो हैं ये वो होके भी वो नहीं हैं वो जो था वो करता था मोहब्बत मुझसे मेरे जिस्म से नही ये जो हैं वो करता है मोहब्बत जिस्म से मेरे मुझसे नहीं वो जो था बताता था सारी बातें मुझसे कुछ छुपाता ही नही ये जो है वो छुपाता है सारी बातें मुझसे कुछ बताता ही नहीं ये जो है ये वो होके भी वो नहीं हैं। वो जो था वो करता था मोहब्बत सिर्फ मुझसे किसी और से नही ये जो हैं वो करता है मोहब्बत सबसे मुझसे नहीं वो जो था वो अपना सा लगता था गैर कभी लगा ही नहीं ये जो है वो गैर सा लगता है अपना कभी लगा ही नहीं ये जो है ये वो होके भी वो नहीं हैं वो जो था वो देता था वक्त हमेशा वक्त कभी गुजारा ही नही ये जो है वो गुजारता है वक्त हमेशा वक्त कभी दिया ही नहीं वो जो था उससे बांट लेती थी हर दर्द अपना कुछ छुपाती ही नही ये जो है वो उड़ाएगा मजाक मेरा ये सोचकर कुछ बताती ही नहीं वो जो था उसे खो दिया मैंने कब का वो लौटकर आया ही नही ये जो है उसे पाकर भी मैने कभी पाया ही नहीं (SMITA) ©Chhoti Shayar

sad shayari......🥺🥺🥺

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