धिक् जीवन को जो पाता ही आया विरोध धिक् साधन जिसके | हिंदी Shayari

"धिक् जीवन को जो पाता ही आया विरोध धिक् साधन जिसके लिए सदा ही किया शोध जानकी! हाय उद्धार प्रिया का हो न सका वह एक और मन रहा राम का जो न थका ✍️ सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' ©Poetic kumar"

 धिक् जीवन को जो पाता ही आया विरोध
धिक् साधन जिसके लिए सदा ही किया शोध
जानकी! हाय उद्धार प्रिया का हो न सका
वह एक और मन रहा राम का जो न थका
 
✍️ सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

©Poetic kumar

धिक् जीवन को जो पाता ही आया विरोध धिक् साधन जिसके लिए सदा ही किया शोध जानकी! हाय उद्धार प्रिया का हो न सका वह एक और मन रहा राम का जो न थका ✍️ सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' ©Poetic kumar

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