तेरी सादगी तेरी मुस्कुराहट पर जचती हैं, तेरी तरी | हिंदी Poetry

" तेरी सादगी तेरी मुस्कुराहट पर जचती हैं, तेरी तरीफ की का पुल कहा से बधु, बस यही दिल मे हलचल रहती हैं! अच्छा सुनो...ना! कुछ कहना हैं, तेरे चहरे पे जो रब का दिया नूर हैं, उसे दिल देखने को मज़बूर हैं, तेरा वो कानों का झुमका तेरे गालो को चूमती हैं, मेरे दिल पर हमला वो सारे आम करती हैं, जब तुम बार बार बालों को कान के पीछे फांसती हो, तुम झुमके से बेहद खूबसूरत दिखती हो, तेरे बाहों में लिपटे दुपट्टा जैसे सारि खुशिया लपेटी हो, बोझ भरी दुनिया मे सुकून तेरे बाहों में हो लिपटी हो! तेरे चेहरे की मुस्कुराहट में सुकून हैं। सुनो......ना मुझे इसी सुकून में रहना पसंद हैं ..... रहने को जगह दोगी क्या? ©Aneesh Rao"

 
तेरी सादगी तेरी मुस्कुराहट पर जचती हैं,
तेरी तरीफ की का पुल कहा से   बधु,
 बस यही दिल मे हलचल रहती हैं!

अच्छा सुनो...ना! कुछ कहना हैं,
तेरे चहरे पे जो रब का दिया नूर हैं,
उसे दिल देखने को मज़बूर हैं,

तेरा वो कानों का झुमका तेरे गालो को चूमती हैं,
मेरे दिल पर हमला वो सारे आम करती हैं,
जब तुम बार बार बालों को कान के पीछे फांसती हो,
तुम झुमके से बेहद खूबसूरत दिखती हो,

तेरे बाहों में लिपटे दुपट्टा जैसे सारि खुशिया लपेटी हो,
बोझ भरी दुनिया मे सुकून तेरे बाहों में हो लिपटी हो!
तेरे चेहरे की मुस्कुराहट में सुकून हैं।
सुनो......ना मुझे इसी  सुकून में रहना पसंद हैं .....
रहने को जगह दोगी क्या?

©Aneesh Rao

 तेरी सादगी तेरी मुस्कुराहट पर जचती हैं, तेरी तरीफ की का पुल कहा से बधु, बस यही दिल मे हलचल रहती हैं! अच्छा सुनो...ना! कुछ कहना हैं, तेरे चहरे पे जो रब का दिया नूर हैं, उसे दिल देखने को मज़बूर हैं, तेरा वो कानों का झुमका तेरे गालो को चूमती हैं, मेरे दिल पर हमला वो सारे आम करती हैं, जब तुम बार बार बालों को कान के पीछे फांसती हो, तुम झुमके से बेहद खूबसूरत दिखती हो, तेरे बाहों में लिपटे दुपट्टा जैसे सारि खुशिया लपेटी हो, बोझ भरी दुनिया मे सुकून तेरे बाहों में हो लिपटी हो! तेरे चेहरे की मुस्कुराहट में सुकून हैं। सुनो......ना मुझे इसी सुकून में रहना पसंद हैं ..... रहने को जगह दोगी क्या? ©Aneesh Rao

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