अतीत की बातें और यादें,
कड़वी थी या मिट्ठी सब व्यतीत हो गई।
वर्तमान जो है वही है सच ,
जो बीत गई वो रात हो गई ।
बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधी लेई ।
बुजुर्गो ने है ये बात कही,
हर सुबह का सूर्य लेकर ,
आता है रोशनी इक नई।
भविष्य तो अंधा कुआं है,
ना दिखें कुछ मिलेगी हर बात नई।।
स्नेह शर्मा
स्वरचित
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