तस्वीरें देख के तुम्हारी आँखे अब थक सी गयी हैं....
इंतजार करते करते रास्ते जम सी गयी हैं......
कौतूहल बढ़ा के मन का मेरे ...
कोलाहल सी मची शहर मे मेरे....
तुम न आओगे अब आभास है मुझे
बहती हुई जिंदगी मेरी अब जाने क्यूँ थम सी गयी....
©Priya Pandey
#NightRoad poetry...
समझ सको तो पढ़ लेना ❣️❣️