White बुझ जाते है कुछ दियें हवा के झोंके से, हर बा | हिंदी कविता

"White बुझ जाते है कुछ दियें हवा के झोंके से, हर बार बेवफाई हवा नहीं करती। छूट जाते है कुछ रिश्ते जीवन में भी, हर किसी को हम ऐसे छोड़ा नहीं करते। बारिश में मुझे भीगा देख वो क्या खूब हंसता है, अब मेरे अंशु भी उसे पानी लगते है। कुछ रिश्तों को तोड़ना जरूरी होता है, क्योंकि हर बार गलती किसी एक की ना होती। ©Ashish Yadav"

 White बुझ जाते है कुछ दियें हवा के झोंके से,
हर बार बेवफाई हवा नहीं करती।
छूट जाते है कुछ रिश्ते जीवन में भी,
हर किसी को हम ऐसे छोड़ा नहीं करते।
बारिश में मुझे भीगा देख  वो क्या खूब हंसता है,
अब मेरे अंशु भी उसे पानी लगते है।
कुछ रिश्तों को तोड़ना जरूरी होता है,
क्योंकि हर बार गलती किसी एक की ना होती।

©Ashish Yadav

White बुझ जाते है कुछ दियें हवा के झोंके से, हर बार बेवफाई हवा नहीं करती। छूट जाते है कुछ रिश्ते जीवन में भी, हर किसी को हम ऐसे छोड़ा नहीं करते। बारिश में मुझे भीगा देख वो क्या खूब हंसता है, अब मेरे अंशु भी उसे पानी लगते है। कुछ रिश्तों को तोड़ना जरूरी होता है, क्योंकि हर बार गलती किसी एक की ना होती। ©Ashish Yadav

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