White शीर्षक- चिराग तुम वह जलाओ ------------------ | हिंदी कविता

"White शीर्षक- चिराग तुम वह जलाओ -------------------------------------------------------------- चिराग तुम वह जलाओ, रोशन हो जिससे वतन। लगाओ तुम वह गुलशन, कि महके जिससे चमन।। चिराग तुम वह जलाओ------------------------------।। तुम देख रहे हो यह वक़्त, बदल रहा है कितना। रहा नहीं वह जमाना, यकीन किसी पर इतना।। बनाओ तुम वह चेहरा, नहीं हो जिसपे शिकन। चिराग तुम वह जलाओ-------------------------।। ख्याल यह भी हो तुमको, चलना है नेक राह पर। नहीं हो जुल्म किसी पर, नहीं हो कुफ्र बेगुनाह पर।। दुहायें तुम यह करो, रहे इस जमीं पे अमन। चिराग तुम वह जलाओ---------------------------।। वफ़ा यह भी करो तुम, दग़ा वतन से नहीं करोगे। अपने मतलब के लिए, कोई बद काम नहीं करोगे।। शान इस वतन की बढ़े, ऐसा करो तुम जतन। चिराग तुम वह जलाओ--------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma"

 White शीर्षक- चिराग तुम वह जलाओ
--------------------------------------------------------------
चिराग तुम वह जलाओ, रोशन हो जिससे वतन।
लगाओ तुम वह गुलशन, कि महके जिससे चमन।।
चिराग तुम वह जलाओ------------------------------।।

तुम देख रहे हो यह वक़्त, बदल रहा है कितना।
रहा नहीं वह जमाना, यकीन किसी पर इतना।।
बनाओ तुम वह चेहरा, नहीं हो जिसपे शिकन।
चिराग तुम वह जलाओ-------------------------।।

ख्याल यह भी हो तुमको, चलना है नेक राह पर।
नहीं हो जुल्म किसी पर, नहीं हो कुफ्र बेगुनाह पर।।
दुहायें तुम यह करो, रहे इस जमीं पे अमन।
चिराग तुम वह जलाओ---------------------------।।

वफ़ा यह भी करो तुम, दग़ा वतन से नहीं करोगे।
अपने मतलब के लिए, कोई बद काम नहीं करोगे।।
शान इस वतन की बढ़े, ऐसा करो तुम जतन।
चिराग तुम वह जलाओ--------------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

White शीर्षक- चिराग तुम वह जलाओ -------------------------------------------------------------- चिराग तुम वह जलाओ, रोशन हो जिससे वतन। लगाओ तुम वह गुलशन, कि महके जिससे चमन।। चिराग तुम वह जलाओ------------------------------।। तुम देख रहे हो यह वक़्त, बदल रहा है कितना। रहा नहीं वह जमाना, यकीन किसी पर इतना।। बनाओ तुम वह चेहरा, नहीं हो जिसपे शिकन। चिराग तुम वह जलाओ-------------------------।। ख्याल यह भी हो तुमको, चलना है नेक राह पर। नहीं हो जुल्म किसी पर, नहीं हो कुफ्र बेगुनाह पर।। दुहायें तुम यह करो, रहे इस जमीं पे अमन। चिराग तुम वह जलाओ---------------------------।। वफ़ा यह भी करो तुम, दग़ा वतन से नहीं करोगे। अपने मतलब के लिए, कोई बद काम नहीं करोगे।। शान इस वतन की बढ़े, ऐसा करो तुम जतन। चिराग तुम वह जलाओ--------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#Poetry

People who shared love close

More like this

Trending Topic