यहां, वहां, जहां, तहां भी आपने हैप्पी बड्डे लिख दि | हिंदी कविता

"यहां, वहां, जहां, तहां भी आपने हैप्पी बड्डे लिख दिया है उस सबके लिए आप सबका दिल की किलोमीटरों गहराई से आभार। आपकी मुहब्बतों का भार इतना है कि थैंक यू, शुक्रिया, शुक्रन लिखते-लिखते उंगलियां दुख गई हैं और नोटिफिकेशन बता रहा है अगर एक-एक को जवाब लिखना है तो एक-दो दिन में तो ये मुमकिन नहीं है। जिनको शुरुआती तूफान में रिप्लाई मिल गया उनको थैंक्स, जिनको नहीं मिला उनको दो, दो थैंक्स। मसला अब ये हो गया है कि काॅपी पेस्ट रिप्लाई करके आपकी दुआओं को हल्का नहीं करना चाहता और एक-एक को अलग जवाब देना मुश्किल होता जा रहा है। तो भावना समझिए और शफक़्क़त बनाए रखिए। लभ यू ऑल 😍 ©Akram Qumar"

 यहां, वहां, जहां, तहां भी आपने हैप्पी बड्डे लिख दिया है
 उस सबके लिए आप सबका दिल की किलोमीटरों गहराई से
 आभार।
 आपकी मुहब्बतों का भार इतना है कि 
थैंक यू, शुक्रिया, शुक्रन लिखते-लिखते उंगलियां दुख गई हैं
 और नोटिफिकेशन बता रहा है अगर
 एक-एक को जवाब लिखना है तो एक-दो दिन में तो 
ये मुमकिन नहीं है। 
जिनको शुरुआती तूफान में रिप्लाई मिल गया 
उनको थैंक्स, जिनको नहीं मिला
 उनको दो, दो थैंक्स। 
मसला अब ये हो गया है कि काॅपी पेस्ट रिप्लाई
 करके आपकी दुआओं को हल्का नहीं करना चाहता 
और एक-एक को अलग जवाब देना मुश्किल होता जा रहा है।
 तो भावना समझिए और शफक़्क़त बनाए रखिए। 
लभ यू ऑल 😍

©Akram Qumar

यहां, वहां, जहां, तहां भी आपने हैप्पी बड्डे लिख दिया है उस सबके लिए आप सबका दिल की किलोमीटरों गहराई से आभार। आपकी मुहब्बतों का भार इतना है कि थैंक यू, शुक्रिया, शुक्रन लिखते-लिखते उंगलियां दुख गई हैं और नोटिफिकेशन बता रहा है अगर एक-एक को जवाब लिखना है तो एक-दो दिन में तो ये मुमकिन नहीं है। जिनको शुरुआती तूफान में रिप्लाई मिल गया उनको थैंक्स, जिनको नहीं मिला उनको दो, दो थैंक्स। मसला अब ये हो गया है कि काॅपी पेस्ट रिप्लाई करके आपकी दुआओं को हल्का नहीं करना चाहता और एक-एक को अलग जवाब देना मुश्किल होता जा रहा है। तो भावना समझिए और शफक़्क़त बनाए रखिए। लभ यू ऑल 😍 ©Akram Qumar

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