दोस्त बगैर कसूर के ही सज़ा काट रहे हैं हम भी राह | हिंदी शायरी

"दोस्त बगैर कसूर के ही सज़ा काट रहे हैं हम भी राहतों के सख्त तलबगार रहे हैं बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla"

 दोस्त बगैर कसूर के ही सज़ा काट रहे हैं 

हम भी राहतों के सख्त तलबगार रहे हैं 
बबली भाटी बैसला

©Babli BhatiBaisla

दोस्त बगैर कसूर के ही सज़ा काट रहे हैं हम भी राहतों के सख्त तलबगार रहे हैं बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla

खत @Ravi Ranjan Kumar Kausik @R... Ojha @Yogenddra Nath Yogi @Lalit Saxena @Neel Dr. uvsays

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