कुछ एहसास हैं जो ठहर से गए,
कुछ बातें हैं जो गुम सी गई ,
रातों की तन्हाइयों में कोई तो है,
जो अक्सर जकड़े हुए जज़्बातों में उलझा से गई ।
यहां मोहब्बतों के जाल में हर कोई है फंसा,
फिर जो हासिल नहीं तो वो किस रुख गई है,
कुछ बहक गए फिर, कुछ गए बिगड़,
रास्ते कुछ ने बदल लिए।
अब जो है ज़माने में तो सिर्फ बेचैनियां,
दिल को नहीं है अब दिल्लगी आदतें जो उनसे सिमट गई।।
#Dullness