White कत्आ
काश मां की सदाओं सुनी होती तो बरबाद न होता
उस हरज़ाई का आशियाना कभी भी आबाद न होता
इस तरह मौहब्बत में जिंदगी की कीमत चुकाई मैंने
उसकी शादमानी के ख़ातिर ये दिल ना-शाद न होता।
- सुमन झा 'माहे'
- कवयित्री/ गोरखपुर,उ. प्र.
©jha madam Classes
#GoodMorning