आज का नया दौर...
पहले आमंत्रण खुद देकर मनुहार होता था,
धीरे-धीरे रिश्ते कमजोर होते गये,
फिर आमंत्रण दूसरों से भेजने लगे,
अब तो सिर्फ व्हाट्सएप पर भेजा,
और सम्पूर्ण औपचारिकता पूरी...
न फोन, न मनुहार..सिर्फ यंत्रवत रिश्ते,
.. आधुनिक यंत्रवत रिश्ते..
##पंकज सिंह
©Dr.Pankaj Singh
#Valley यंत्रवत