White मिठास में मैं ताज़ा हूँ
फलों का मैं राजा हूँ
हा! मैं "आम" होकर भी बड़ा खास हूँ
मैं सब से मीठा कहता हूँ
सब संग मैं चटपटा भी रहता हूँ
मुझसे लदे डाल शाख पर जब
बैठने,कोयल आ जाती है
अपने संगीत के स्वरों में वो
मिठास मुझे से पाती है
जब किसी बाग में लगा देख मुझे
बच्चे फूला न समाते हैं
तब मुख से चटकारे भर
मेरे सपनों में खो जाते हैं
जब खोखल कर मेरी गुट्ठली का
सीटी कोई बजाता है
उसकी सीटी पर फिर मेरा
अंग अंग थिरक जाता है
जब हो कोई त्योहार घरों में
मेरे पत्तों की तोरन फिर बनाते हैं
पूजा में मुझे साथी बना धन्य मुझे कर जाते हैं
सबकी थाली में सजकर
थाली को चार चाँद लगाता हूँ
फिर राजा बनकर मैं
"आम" से खास हो जाता हूँ
©Harpinder Kaur
# मैं " आम" से खास हूँ......