जवानी मैं जन्मदिवस ओर ,
बुढापे मैं कब जायेंगे ये दिवस,
ये आज कल का गणित हैं|
जिंदगी जी भर के जी लो,
बाकी सब किस्मत पे छोड दो,
क्योकी रात को फुलों को भी पता नहीं होता,
सुबह मंदिर जाना हैं या शमशान|
सीख तो छोटे बच्चो से लेनी चाहिए,
जो अपने मां बाप के हाथो से मार खाकर,
उनसे ही जाके लिपटते है|
रिष्ते संजोते चलो ,
क्योकी इंसान इतना अकेला हो चला है,
की कोई फोटो खीचने वाला नही है,
सेल्फी लेनी पडती है,
ओर लोग इसे आजकल का फॅशन कहते हैं|
अपनी इंसानियात कायम रखो,
अपना और अपनो का खयाल रखो|
©Bhavna Bharambe
कविता