White जख्म मेरे दिल के
क्या बतायें कितने गहरे हैं.
सुनाई ऊंचा देने लगा उनको
जो मेरे अपने वो कितने बहरे हैं.
हंसी भी रास्ता बदल चुकी
जाने क्यों जमाने के पहरे हैं.
हसरतों के बाग उजड़े किस कदर
कहीं फूल कहीं बाग ठहरे हैं.
मिटता नहीं दर्द नाजुक छुअन से
सूखे हैं जख्म और ना ही हरे हैं..
©जयश्री_RAM
#sad_shayari @Kshitija @angel rai PФФJД ЦDΞSHI नन्हीं कवयित्री sangu... @Sm@rty Divi p@ndey