"कभी-कभी हमें ख़ुद को भी ये अंदाज़ा नहीं होता कि
हम असल में क्या हैं और क्या बन सकते हैं,
लेकिन दूसरों के जैसा बनने की चाहत और
ख़ुद को दूसरों से compare करने के शौक़ में
हम ख़ुद ही ख़ुद को पहचान नहीं पाते और
अपने अंदर मौजूद हुनर को हम निखार ही नहीं पाते।
©Sh@kila Niy@z"