साँझ का अरुणिम स्वर्ण-प्रकाश, क्षितिज का विस्तृत ल

"साँझ का अरुणिम स्वर्ण-प्रकाश, क्षितिज का विस्तृत ललित ललाट। लगे गोरोचन सदृश सुरम्य, सुशोभित सूर्यदेव विभ्राट।। अधर में देवापगा महान, धवल जल की चंचल कल्लोल। लगे ज्यौं कंचन का शुभ चूर्ण, दिया चाँदी के रस में घोल।। :- ✍️ गणेश शर्मा 'विद्यार्थी' ©गणेश"

 साँझ का अरुणिम स्वर्ण-प्रकाश,
क्षितिज का विस्तृत ललित ललाट।
लगे गोरोचन सदृश सुरम्य,
सुशोभित सूर्यदेव विभ्राट।।

अधर में देवापगा महान,
धवल जल की चंचल कल्लोल।
लगे ज्यौं कंचन का शुभ चूर्ण,
दिया चाँदी के रस में घोल।।

:- ✍️ गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

©गणेश

साँझ का अरुणिम स्वर्ण-प्रकाश, क्षितिज का विस्तृत ललित ललाट। लगे गोरोचन सदृश सुरम्य, सुशोभित सूर्यदेव विभ्राट।। अधर में देवापगा महान, धवल जल की चंचल कल्लोल। लगे ज्यौं कंचन का शुभ चूर्ण, दिया चाँदी के रस में घोल।। :- ✍️ गणेश शर्मा 'विद्यार्थी' ©गणेश

People who shared love close

More like this

Trending Topic