उसकी रंगत रूप चेहरे पर धूप नखरों की रानी है
शुरू से अंत तक एक अनोखी कहानी है
उसकी मुकुराहट पेरो की आहट खूबसूरत है
इतनी बड़ी है फिर भी उसमे बच्चो जेसी नादानी है
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क्या समझाऊं केसे समझाई कितने प्यार भरे गीत गाऊ
नक्चड़ी खुद बोलती है पर सुनती नही है मैं। उसे क्या सुनाऊ
गौतम ✍️
#lovpoetry
©Dheeraj Gauttam
#thelunarcycle