तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो, दिल मेरा था और धड़क | हिंदी Shayari

"तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो, दिल मेरा था और धड़क रहा था वो। प्यार का ताल्लुक भी अजीब होता है, आंसू मेरे थे और सिसक रहा था वो। जो दिल के करीब थे वो जबसे दुश्मन हो गए जमाने में हुए चर्चे, हम मशहूर हो गए बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो मजबूरियों को मत कोसो विजय... ©shidha sadha banda"

 तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो, दिल मेरा था और धड़क रहा था वो। प्यार का ताल्लुक भी अजीब होता है, आंसू मेरे थे और सिसक रहा था वो। जो दिल के करीब थे वो जबसे दुश्मन हो गए जमाने में हुए चर्चे, हम मशहूर हो गए बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो मजबूरियों को मत कोसो



विजय...

©shidha sadha banda

तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो, दिल मेरा था और धड़क रहा था वो। प्यार का ताल्लुक भी अजीब होता है, आंसू मेरे थे और सिसक रहा था वो। जो दिल के करीब थे वो जबसे दुश्मन हो गए जमाने में हुए चर्चे, हम मशहूर हो गए बदल जाओ वक्त के साथ या फिर वक्त बदलना सीखो मजबूरियों को मत कोसो विजय... ©shidha sadha banda

#Tulips ✍️✍️✍️

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