चंद मुलाकातों में कैसे मैं ,मोहब्बत के गीत लिख दूँ। गैरों की हथेली पर मैं कैसे ,अपना अतीत लिख दूँ।। बेवफ़ाओं के गुल में कहां वफ़ाओं के फूल खिलते हैं। तेरी चंद वफ़ाओं को कैसे ,मैं अपना मीत लिख दूँ।। *राज* *दीक्षित* ©®✍️✍️ Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto