दोस्ती की दास्तां सुना रही मै राबता फूलो से सजा क | हिंदी कविता

"दोस्ती की दास्तां सुना रही मै राबता फूलो से सजा के मेरा रास्ता खुदका कांटो से था वास्ता की जो दुनियां देख रहा मेरी आंखों से जो ख्वाब संजो रहा मेरे ख्वाबों से कैसे कहूं की खुदा नही ..... कोई दोस्ती से बड़ा नहीं.... ©Jinu Trivedi"

 दोस्ती की दास्तां 
सुना रही मै राबता
फूलो से सजा के मेरा रास्ता
खुदका कांटो से था वास्ता
की जो दुनियां देख रहा मेरी आंखों से
जो ख्वाब संजो रहा मेरे ख्वाबों से
कैसे कहूं की खुदा नही .....
कोई दोस्ती से बड़ा नहीं....

©Jinu  Trivedi

दोस्ती की दास्तां सुना रही मै राबता फूलो से सजा के मेरा रास्ता खुदका कांटो से था वास्ता की जो दुनियां देख रहा मेरी आंखों से जो ख्वाब संजो रहा मेरे ख्वाबों से कैसे कहूं की खुदा नही ..... कोई दोस्ती से बड़ा नहीं.... ©Jinu Trivedi

#Friendship

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