स्वस्थ हूँ सानंद हूँ, पर लेखनी अवरुद्ध है। | हिंदी कविता

"स्वस्थ हूँ सानंद हूँ, पर लेखनी अवरुद्ध है। क्या पता क्यों शारदे माँ,यों अचानक क्रुद्ध है।। ©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar"

 स्वस्थ  हूँ  सानंद   हूँ, पर   लेखनी  अवरुद्ध है।
क्या पता क्यों शारदे माँ,यों अचानक क्रुद्ध है।।

©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar

स्वस्थ हूँ सानंद हूँ, पर लेखनी अवरुद्ध है। क्या पता क्यों शारदे माँ,यों अचानक क्रुद्ध है।। ©Dr Virendra Pratap Singh Bhramar

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