मृत इच्छा और जीवंत व्यथा निष्ठुर जीवन रच देती है , माटी कितनी भी कोमल हो तपकर पत्थर सी होती है... है आस लिए यह दीप आज के सत्य विशिष्ट का भान करे, अस्तित्व स्वयं का ज्ञात करे और जल जलकर सिर्फ प्रकाश करे... ©Deepanshi Srivastava #Path Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto