हमसे उनकी कहासुनी कुछ बढ़ती सी जा रही थी... आरोप व
"हमसे उनकी कहासुनी कुछ बढ़ती सी जा रही थी...
आरोप व जख्म समेटकर, भरी पेटी जा रही थी...
और खुद को जैसे तैसे निर्दोष , सिद्ध करके हमने,...!
इधर देखा तो हमारे कत्ल की साजिश हो रही थी....."
हमसे उनकी कहासुनी कुछ बढ़ती सी जा रही थी...
आरोप व जख्म समेटकर, भरी पेटी जा रही थी...
और खुद को जैसे तैसे निर्दोष , सिद्ध करके हमने,...!
इधर देखा तो हमारे कत्ल की साजिश हो रही थी.....