काली अंधेरी से निकल आया वो
इश्क़ की चाँदनी में खोने के बाद
मोहोब्बत की दीदारों से मोहब्बत करता गया वो
मोहब्बत को देख मोहब्बत करने के बाद
देखता गया मुझे अपनी निगाहों से वो
मैं भी देखती रही, उसके देखने के बाद
बातों बातों से नसीला बनता गया वो
मैं साकी बनती गई, उसके बनाने के बाद
ख्वाबों की तामीर में नज्म गढ़ता गया वो
मैं पढ़ती गयी उसके जाने के बाद
श्रीया श्री
02/06/2020
#hearts