इक इक अंक जोड़ता हूँ मैं चाहत के, और तुम हो इक साथ घटाया करते हो । मुझको अब तक प्यार के माने पता नही, तुम हो कि नफरत का पहाड़ा पढ़ते हो । -दुर्गेश कसौधन #Light 🌹Adhoori Khwahish🌹 Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto