हर आँखों में आँसू, नाना की आंख भी नम हुई थी उनके व | हिंदी शायरी

"हर आँखों में आँसू, नाना की आंख भी नम हुई थी उनके वादे उनकी कहावत पर, के नाना अपना सिर तक कटा दूंगा तेरे इस्लाम पर। हम क्या ही मातम करेंगें ऐ हुसैनियों! करबला खुद रोई हो जिनकी शाहदत पर। ©Azhar Azad Khan"

 हर आँखों में आँसू, नाना की आंख भी नम हुई थी उनके वादे उनकी कहावत पर,
के नाना अपना सिर तक कटा दूंगा तेरे इस्लाम पर।
हम क्या ही मातम करेंगें ऐ हुसैनियों!
करबला खुद रोई हो जिनकी शाहदत पर।

©Azhar Azad Khan

हर आँखों में आँसू, नाना की आंख भी नम हुई थी उनके वादे उनकी कहावत पर, के नाना अपना सिर तक कटा दूंगा तेरे इस्लाम पर। हम क्या ही मातम करेंगें ऐ हुसैनियों! करबला खुद रोई हो जिनकी शाहदत पर। ©Azhar Azad Khan

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