मै मुट्ठियों में अपने ख़्वाबों को बिन लूंगा।।। खु | हिंदी Shayari
"मै मुट्ठियों में अपने ख़्वाबों को बिन लूंगा।।।
खुदा से वो मेरा कच्चा मकान छीन लूंगा।।।
मै बस तलाश में रहता हूं चांद थोडी देर के लिए पलक झपकाए।।।।।
उतनी देर में मै सारे सितारों को उंगलियों पर गिन लूंगा।।।।"
मै मुट्ठियों में अपने ख़्वाबों को बिन लूंगा।।।
खुदा से वो मेरा कच्चा मकान छीन लूंगा।।।
मै बस तलाश में रहता हूं चांद थोडी देर के लिए पलक झपकाए।।।।।
उतनी देर में मै सारे सितारों को उंगलियों पर गिन लूंगा।।।।