सर्द रातों में हाथ से हाथ तेरा थामना चाहता था, तुझ | हिंदी शायरी
"सर्द रातों में हाथ से हाथ तेरा थामना चाहता था,
तुझे अपने होठों से छूकर खुद में उतारना चाहता था
पर दिल तोड़कर जबसे तू अकेले छोड़ गई हो मुझको,
चाय की प्याली को हाथों में थामकर होठ से लगा लेता हूं।"
सर्द रातों में हाथ से हाथ तेरा थामना चाहता था,
तुझे अपने होठों से छूकर खुद में उतारना चाहता था
पर दिल तोड़कर जबसे तू अकेले छोड़ गई हो मुझको,
चाय की प्याली को हाथों में थामकर होठ से लगा लेता हूं।