मेरी पहचान मेरी पहचान हर किसीको दर्शाना नही क्यौं

"मेरी पहचान मेरी पहचान हर किसीको दर्शाना नही क्यौंकि दिल हमेशा निशाना होता है, आँसुए कोई खयालोंका जुर्माना नही क्यौंकि हर दिन मुस्कुराना होता है। हर उलझनेवाला कोई मुहावरा नही हम सूलझे हुवे है तभी तक्रार होता है, हमारा प्यार का कोई दायरा नही तभी तो दुरीमे भी बरकरार होता है। हतिले के लकीर कोई आयना नही बस जमीर-जंजीर मे कहर होता है, मेरे अंजाम का कोई ठिकाना नही बस मेरे इन्तज़ार मे सबर होता है। दिल का दर्या चटटान से कम नही आज कल दिल भी भारी होता है, चाहत कोई दो दिनका आलम नही जिंदगी जीनाभी कलाकारी होता है। ©Kiran Powar"

 मेरी पहचान  मेरी पहचान हर किसीको दर्शाना नही
क्यौंकि दिल हमेशा निशाना होता है,
आँसुए कोई खयालोंका जुर्माना नही
क्यौंकि हर दिन मुस्कुराना होता है।

हर उलझनेवाला कोई मुहावरा नही
हम सूलझे हुवे है तभी तक्रार होता है,
हमारा प्यार का कोई  दायरा नही
तभी तो दुरीमे भी बरकरार होता है।

हतिले के लकीर कोई आयना नही
बस जमीर-जंजीर मे कहर होता है,
मेरे अंजाम का कोई ठिकाना नही
बस मेरे इन्तज़ार मे सबर होता है।

दिल का दर्या चटटान से कम नही
आज कल दिल भी भारी होता है,
चाहत कोई दो दिनका आलम नही
जिंदगी जीनाभी कलाकारी होता है।

©Kiran Powar

मेरी पहचान मेरी पहचान हर किसीको दर्शाना नही क्यौंकि दिल हमेशा निशाना होता है, आँसुए कोई खयालोंका जुर्माना नही क्यौंकि हर दिन मुस्कुराना होता है। हर उलझनेवाला कोई मुहावरा नही हम सूलझे हुवे है तभी तक्रार होता है, हमारा प्यार का कोई दायरा नही तभी तो दुरीमे भी बरकरार होता है। हतिले के लकीर कोई आयना नही बस जमीर-जंजीर मे कहर होता है, मेरे अंजाम का कोई ठिकाना नही बस मेरे इन्तज़ार मे सबर होता है। दिल का दर्या चटटान से कम नही आज कल दिल भी भारी होता है, चाहत कोई दो दिनका आलम नही जिंदगी जीनाभी कलाकारी होता है। ©Kiran Powar

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