चाँद हो तुम चांद है वो मेरा... रोशन मुझे वो करता | हिंदी Poetry

"चाँद हो तुम चांद है वो मेरा... रोशन मुझे वो करता है... पाना बस में नहीं फिर भी... अपना वो लगता है... सितारे रिजाहते है। बदली से जब वो निकलता है... वो खास जितना मेरे लिए...उतना। ही सब को वो लगता है... दिल मैं लहरो सी धड़कन लगती है... फलक पर चांद पूरा.जब वो होता है... कभी मिलता है फलक पे अधुरा... तो कभी ना दीदार उसका होता है... इंतजार..और सबर। इश्क की रिवायत वो मुझे सिखाता है... वो चांद है मेरा जो रोशन मुझे करता है.... ©anudeep.poet .."

 चाँद हो तुम  चांद है वो मेरा...
रोशन मुझे वो करता है...
 पाना बस में नहीं फिर भी...
अपना वो लगता है...
सितारे रिजाहते है। बदली से जब वो निकलता है...
वो खास जितना मेरे लिए...उतना। ही सब को वो लगता है...
दिल मैं लहरो सी धड़कन लगती है... फलक पर चांद पूरा.जब वो होता है...
कभी मिलता है फलक पे अधुरा...
तो कभी ना दीदार उसका होता है... 

इंतजार..और सबर। इश्क की रिवायत वो मुझे सिखाता है... 
वो चांद है मेरा जो रोशन मुझे करता है....

©anudeep.poet ..

चाँद हो तुम चांद है वो मेरा... रोशन मुझे वो करता है... पाना बस में नहीं फिर भी... अपना वो लगता है... सितारे रिजाहते है। बदली से जब वो निकलता है... वो खास जितना मेरे लिए...उतना। ही सब को वो लगता है... दिल मैं लहरो सी धड़कन लगती है... फलक पर चांद पूरा.जब वो होता है... कभी मिलता है फलक पे अधुरा... तो कभी ना दीदार उसका होता है... इंतजार..और सबर। इश्क की रिवायत वो मुझे सिखाता है... वो चांद है मेरा जो रोशन मुझे करता है.... ©anudeep.poet ..

#Chand

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