White वो वक्त बड़ा अजीब सा था कोई था जो एक पल अपना | हिंदी शायरी

"White वो वक्त बड़ा अजीब सा था कोई था जो एक पल अपना सा लगा था धड़कने बढ़ने लगी थी मेरी जिसे देखकर न चाहकर भी वो इस दिल मे बसने लगा था कोशिश की जज्बातों को थाम ले जुबां को हिदायत भी दी कुछ न कहे निगाहों ने भी बगावत कर डाली बिन कहे बादलों से आंखों से बरसने लगे वो मंजर दर्दनाक था जो देखा न गया प्यार का सिला एक ने दूजे को दिया था बिखेर उसके सपने सभी दुनिया अपनी बसाने मे मशरूफ था वो वक्त बड़ा अजीब सा था कोई था जो एक पल अपना सा लगने लगा था धड़कने बढ़ने लगी थी मेरी जिसे देखकर न चाहकर भी वो इस दिल मे बसने लगा था ©sushil"

 White वो वक्त बड़ा अजीब सा था
कोई था जो एक पल अपना सा लगा था 
धड़कने बढ़ने लगी थी मेरी जिसे देखकर 
न चाहकर भी वो इस दिल मे बसने  लगा था 
कोशिश की जज्बातों को थाम ले 
जुबां को हिदायत भी  दी कुछ न कहे 
निगाहों ने भी बगावत कर डाली
 बिन कहे बादलों से आंखों से बरसने लगे 
वो मंजर दर्दनाक था जो देखा न गया
प्यार का सिला एक ने दूजे को दिया था
बिखेर उसके सपने सभी 
दुनिया अपनी बसाने मे मशरूफ था
वो वक्त बड़ा अजीब सा था 
कोई था जो एक पल अपना सा लगने लगा था
धड़कने बढ़ने लगी थी मेरी जिसे देखकर 
न चाहकर भी वो इस दिल मे बसने लगा था

©sushil

White वो वक्त बड़ा अजीब सा था कोई था जो एक पल अपना सा लगा था धड़कने बढ़ने लगी थी मेरी जिसे देखकर न चाहकर भी वो इस दिल मे बसने लगा था कोशिश की जज्बातों को थाम ले जुबां को हिदायत भी दी कुछ न कहे निगाहों ने भी बगावत कर डाली बिन कहे बादलों से आंखों से बरसने लगे वो मंजर दर्दनाक था जो देखा न गया प्यार का सिला एक ने दूजे को दिया था बिखेर उसके सपने सभी दुनिया अपनी बसाने मे मशरूफ था वो वक्त बड़ा अजीब सा था कोई था जो एक पल अपना सा लगने लगा था धड़कने बढ़ने लगी थी मेरी जिसे देखकर न चाहकर भी वो इस दिल मे बसने लगा था ©sushil

#love_shayari * shree ...* राधा......* KK क्षत्राणी @kuldeep singh Sarfraz Ahmad रॉयल वाटिका

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