ग़म-ए-हालात मेरी ख़ामोशी से तुम नाराज़ मत हुआ करो

"ग़म-ए-हालात मेरी ख़ामोशी से तुम नाराज़ मत हुआ करो क्योंकि हालात से हारे हुये लोग अक्शर ख़ामोश रहते हैं ~Fahad Ansari"

 ग़म-ए-हालात



मेरी ख़ामोशी से तुम नाराज़ मत हुआ करो
क्योंकि हालात से हारे हुये लोग अक्शर ख़ामोश रहते हैं




~Fahad Ansari

ग़म-ए-हालात मेरी ख़ामोशी से तुम नाराज़ मत हुआ करो क्योंकि हालात से हारे हुये लोग अक्शर ख़ामोश रहते हैं ~Fahad Ansari

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