"साथ रहकर पता पड़ा आलोक उनको जरूरत थी मेरी...
जाने से,जाने क्यों रोका नही?
लिपट जाने की थी तमन्ना मेरी भी...
बाहें मैंने जाने क्यों फैलाई नही?
©आलोक अग्रहरि"