करो ज़िक्र-ए-खेरुल बशर धीरे-धीरे। कि हो ज़िन्दगी मौत

"करो ज़िक्र-ए-खेरुल बशर धीरे-धीरे। कि हो ज़िन्दगी मौतबर धीरे-धीरे।। बुलावा "फहद" आया अपना हरम से दुआ कर गई कार गर धीरे-धीरे।।।"

 करो ज़िक्र-ए-खेरुल बशर धीरे-धीरे।
कि हो ज़िन्दगी मौतबर धीरे-धीरे।।
बुलावा "फहद" आया अपना हरम से 
दुआ कर गई कार गर धीरे-धीरे।।।

करो ज़िक्र-ए-खेरुल बशर धीरे-धीरे। कि हो ज़िन्दगी मौतबर धीरे-धीरे।। बुलावा "फहद" आया अपना हरम से दुआ कर गई कार गर धीरे-धीरे।।।

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