#velentineday#ulfatजिस्म से जां निकलती रही,हां मगर...
तुम यूंही उलफतों से मुकरते रहें..
सिसकियों की*सदा यूंही आती रहीं*तारिकी में तेरी यादें आती रहीं,जब महकतीं रही*बज्में_
आराइयां,और तड़पती रहीं मेरी तनहाइयाँ,
ज़िंदगी ज़िंदगी को मनाती रही,तुम यूँहीं उलफतों से मुकरतें रहे....
*आवाज़*अंधकार
*महफिल की सजावट
*जीना_जीना उतरती रहीं*कहकशां,हुस्न की वादियों में ऐ जाने ज़हां..
इक जवां महबूबा नज़्म पढ़ती रही,तुम यूंही उलफतों से मुकरते रहे....
*सीढ़ी *सितारों का समूह
आपकी उल्फ्तों पे फ़िदा जाएंगे,आपकी हसरतों में समा जाएंगे,के गुजिश्ता उम्र यूं गुजरती रही,"शमा"जलती रही "शमा" बुझती रही..
तुम यूंही उलफतों से मुकरते रहे....
#shamawritesBebaak
#writersofindia #life #Live #love #nojoto #nojotohindi Saad Ahmad ( سعد احمد ) @Sethi Ji प्रशांत की डायरी @Niaz (Harf) @Internet Jockey