आज भी वो लम्हा याद है मुझे तेरी ऑंखें भी नम हुई थी मेरे दूर जाने से !
पतझड़ भी अब बसंत लगती है मुझे तेरे ख्वाबों में भी आ जाने से !
आज भी वो लम्हा याद है मुझे तेरी ऑंखें भी नम हुई थी मेरे दूर जाने से ! पतझड़ भी अब बसंत लगती है मुझे तेरे ख्वाबों में भी आ जाने से !
#Onam2020