ज़माने भर ने उठाया कहाँ कहाँ ना लगा वो संगे दोस्त ह | हिंदी Shayari Vid

"ज़माने भर ने उठाया कहाँ कहाँ ना लगा वो संगे दोस्त ही था जो मिरे जिगर पा लगा *संगे दोस्त = दोस्त क़ा पत्थर *मिरे = मेरे *पा = पर ©sahaj "

ज़माने भर ने उठाया कहाँ कहाँ ना लगा वो संगे दोस्त ही था जो मिरे जिगर पा लगा *संगे दोस्त = दोस्त क़ा पत्थर *मिरे = मेरे *पा = पर ©sahaj


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