"गर्म कब तक ये ज़ुल्म का बाज़ार करोगे
कब तक ये लाशों का कारोबार करोगे
दिखा कर ये सियासत और कुर्सी की ताक़त
मासूमों की जानों से कब तक खीलवाड़ करोगे
Shazada Md. Abrar Shaikh"
गर्म कब तक ये ज़ुल्म का बाज़ार करोगे
कब तक ये लाशों का कारोबार करोगे
दिखा कर ये सियासत और कुर्सी की ताक़त
मासूमों की जानों से कब तक खीलवाड़ करोगे
Shazada Md. Abrar Shaikh