ज़िंदगी को ज़िंदगी की तरह जीने के लिए। इंतहा है कुछ बाकी आंसू पीने के लिए। वह मुकद्दर को ज़ेब में लेके चलता है यारों, गम में मुस्कराता है ज़ख्म सीने के लिए। ©मनीष कुमार पाटीदार #Color Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto