सब भरम सब माया तौहीन हैं मेरी निगाहों की ज़ालिम क | हिंदी Poetry

"सब भरम सब माया तौहीन हैं मेरी निगाहों की ज़ालिम को बसाया आंखों में तो जाना ये मोड़ आया।। Puja_Lodhi"

 सब भरम सब माया तौहीन हैं मेरी निगाहों की 
ज़ालिम को बसाया आंखों में तो जाना ये मोड़ आया।।

Puja_Lodhi

सब भरम सब माया तौहीन हैं मेरी निगाहों की ज़ालिम को बसाया आंखों में तो जाना ये मोड़ आया।। Puja_Lodhi

रूस्वा होना।। 

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