होता हूँ मैं बहुतों के साथ सफऱ में अक़सर , पर किसी | हिंदी Shayari

"होता हूँ मैं बहुतों के साथ सफऱ में अक़सर , पर किसी को हाथ पकड़ कर चलने नही दिया, कईयों के शिकवे दूर किये हैं मैंने साथ बैठकर, मजाल है ,किसी को अपने गले लगने नही दिया @deepvishu"

 होता हूँ मैं बहुतों के साथ सफऱ में अक़सर ,
पर किसी को हाथ पकड़ कर चलने नही दिया,
कईयों के शिकवे दूर किये हैं मैंने साथ बैठकर,
मजाल है ,किसी को अपने गले लगने नही दिया
@deepvishu

होता हूँ मैं बहुतों के साथ सफऱ में अक़सर , पर किसी को हाथ पकड़ कर चलने नही दिया, कईयों के शिकवे दूर किये हैं मैंने साथ बैठकर, मजाल है ,किसी को अपने गले लगने नही दिया @deepvishu

bharosa....#Night #Nojoto #Shayar

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