White उम्मीद न है अब, मैं सब हार गया हूँ ख़्याल कर | हिंदी शायरी आणि ग

"White उम्मीद न है अब, मैं सब हार गया हूँ ख़्याल करते करते, ख़ुद को मार गया हूँ बोझ तले डुब गया मैं, बोझ उतरता नहीं ख़ूँ-ए-ज़िगर का भी, सब वार गया हूँ मुझ में न रही कशिश, जीने-मरने की अंदरूनी ख़ुद को, कर बिमार गया हूँ खुली निग़हा में, नींद लिए चला कब से और अपनों की निग़ाह में, हो बेकार गया हूँ शिद्दत से अब मिल "विशू", मौत खूबसुरत है ख़त्म कर सफ़र, इतना कर इंतिजार गया हूँ ©Vishal Pandhare"

 White उम्मीद न है अब, मैं सब हार गया हूँ
ख़्याल करते करते, ख़ुद को मार गया हूँ

बोझ तले डुब गया मैं, बोझ उतरता नहीं
ख़ूँ-ए-ज़िगर का भी, सब वार गया हूँ

मुझ में न रही कशिश, जीने-मरने की
अंदरूनी ख़ुद को, कर बिमार गया हूँ

खुली निग़हा में, नींद लिए चला कब से
और अपनों की निग़ाह में, हो बेकार गया हूँ

शिद्दत से अब मिल "विशू", मौत खूबसुरत है
ख़त्म कर सफ़र, इतना कर इंतिजार गया हूँ

©Vishal Pandhare

White उम्मीद न है अब, मैं सब हार गया हूँ ख़्याल करते करते, ख़ुद को मार गया हूँ बोझ तले डुब गया मैं, बोझ उतरता नहीं ख़ूँ-ए-ज़िगर का भी, सब वार गया हूँ मुझ में न रही कशिश, जीने-मरने की अंदरूनी ख़ुद को, कर बिमार गया हूँ खुली निग़हा में, नींद लिए चला कब से और अपनों की निग़ाह में, हो बेकार गया हूँ शिद्दत से अब मिल "विशू", मौत खूबसुरत है ख़त्म कर सफ़र, इतना कर इंतिजार गया हूँ ©Vishal Pandhare

#Sad_shayri @nojoto #nojoto

People who shared love close

More like this

Trending Topic