White ज़ब हम छोटे बच्चे थे
तब पापा सब कुछ लाते थे।
हमें नहीं मालूम होता था।
वो कितना कष्ट उठाते थे
ज़ब भोर हमें उठाती थी
तो
हम अनजान उनके कष्टों से होकर
मीठे सपनों को खो कर
बस ख्वाहिश का अम्बार लगाते थे।
हमारी बड़ी बड़ी ख्वाहिश के चक्कर में
अपने छोटे सपनों को वो
खुद से दूर भागते थे
पापा सब मन में रखते थे
अपनी और मम्मी की पीड़ा
वो हमसे कभी न बकते थे।
ज़ब छोटे बच्चे थे, पापा कितना
कष्ट उठाते थे।
©SHIVAM SINGH TOMAR
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