White आंखें क्यों भर आती है,
उदासी सी जो छा जाती है,
मेरे मन को विचलित सा कर देती है,
महसूस करू खुद को तो,
चुभन सी होती है,
खुद को तकलीफ बड़ी होती है,
सहारा ना चाहु पर,
यकीनन मजबूर सा कर देती है,
यह तकलीफें कभी खत्म क्यों नही होती है,
मंजर बदल सा रहा है,
मेरी ज़िंदगी में सब उलझ सा रहा हैं,
कुछ सहम सा रहा है,
ए खुदा।।।।।
मंजिल तो अभी काफी दूर है,
यूं तो हार ना दिखा,
माना मेरी बंदगी तुझे कम ही है,
पर यकीन मान,
तुझसे मेरी शाम, तुझसे मेरी सुबह होती है,
तू बस राह दिखा,
चलना तो मेरा कर्म है,
बस सब्र सीखा,
जीतना तो मेरा धर्म है,
©Neha Sharma
#SunSet