कहीं ना कहीं कर्मों का डर है ! नहीं तो गंगा पर इत | हिंदी मोटिवेशनल Vi

"कहीं ना कहीं कर्मों का डर है ! नहीं तो गंगा पर इतनी भीड़ क्यों है? जो कर्म को समझता है उसे धर्म को समझने की जरुरत ही नहीं.. पाप शरीर नहीं करता विचार करते है.. और गंगा विचारों को नहीं, सिर्फ शरीर को धोती है..! Anshu......... ━━✧❂✧━━ ©Ashok Anshu "

कहीं ना कहीं कर्मों का डर है ! नहीं तो गंगा पर इतनी भीड़ क्यों है? जो कर्म को समझता है उसे धर्म को समझने की जरुरत ही नहीं.. पाप शरीर नहीं करता विचार करते है.. और गंगा विचारों को नहीं, सिर्फ शरीर को धोती है..! Anshu......... ━━✧❂✧━━ ©Ashok Anshu

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