अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ने वाले,
कभी अच्छे मार्गदर्शक नहीं बन सकते।
जो जीवनभर कर्तव्य पथ पर अडिग रहते हैं,
हमेशा अपने लिए ऊंचा उद्देश्य चुनते हैं।
जो व्यक्ति अपने कर्तव्यों से विमुख रहता है,
कभी सम्मान पाने का अधिकार नहीं रखता।
अपने कर्तव्य के लिए समर्पण व्यक्ति को,
श्रेष्ठता की उच्चतम शिखर तक पहुंचता है।
–@jivankohlipoetry
©खुले जहां के आजाद मुसाफ़िर
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